Friday, July 27, 2012

वरना इस बाज़ार में आया क्यों था ?

"सच बोल ...सिद्धांत न बघार
तू बिकाऊ है या खरीदार होगा
वरना इस बाज़ार में आया क्यों था ?
मैं जानता हूँ चल पड़े हैं क्रान्ति के कुटीर उद्योग कितने
मशाल की मिसाल देकर बिक रही हैं माचिशें
आग की जो बात करते हैं यहाँ पर
मिट्टी के तेल को मोहताज खड़े हैं राशन की दुकानों पर
सच बोल ...सिद्धांत न बघार
तू बिकाऊ है या खरीदार होगा
वरना इस बाज़ार में आया क्यों था ?"
---राजीव चतुर्वेदी

1 comment:

Raj Dixit said...

वाह श्रीमान जी मान गए आप की कलम को !!!
क्या खूब व्यंग किया है आपने ..
आपको धन्यवाद ..