Friday, October 24, 2014

हम दीपावली क्यों मनाते हैं ?



" प्लेटो की 'रिपब्लिक' में वर्णित गणराज्य की परिकल्पनाओं के पहले ...बहुत पहले महाभारत के शांतिपर्व में वर्णित गणराज्य से भी बहुत पहले जब भगवान् शंकर ने भारत राष्ट्र की स्थापना की थी और भारत राष्ट्र की सीमाएं /चौहद्दी चार ज्योतिर्लिंगों की स्थापना से निर्धारित की गयी थी . इस प्रकार हुआ था प्रथम या आदितम गणराज्य का उदय और इस गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति को गण + ईश = गणेश कहा गया . और गणराज्य के गणपति गणेश के व्यक्तित्व में राष्ट्र ने जो आकांक्षा की वह इस प्रकार है -- विराट व्यक्तित्व , चौड़ा माथा , ऊंचा कद , जन वेदना को चारों और घूम कर सुन सकने वाले बड़े कान , राष्ट्र की धूल को मस्तक पर रखने की प्रवृति , प्रशासन /दंड के दांत खाने के और दिखाने के और , जमीनी हकीकत से रूबरू होती सूचना तंत्र की सूंड और छोटी चूहे जैसी सवारी . इस परिकल्पना को साकार करते गणपति गणेश दुनिया के प्रथम गणराज्य के गणपति बने .
इन आध्यात्मिक ऊंचाइयों तक पंहुचते पंहुचते प्रथम नवोदित गणराज्य के गणपति को अहसास हो चुका था कि राष्ट्र को चलाने के लिए और राष्ट्र के न्यूनतम घटक परिवार को चलाने के लिए पूंजी /धन आवश्यक है सो नवोदित राष्ट्र के लिए पूंजी एकत्र करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया इसी "लक्ष्य + मम" से लक्ष्यम और लक्ष्यम से लक्ष्मी बना . आध्यात्मिक आस्था और पूंजी की अपरिहार्यता किसी भी राज्य या परिवार इकाई के लिए आवश्यक है . आज इसी को रेखांकित करता है यह पर्व .
आओ ! --- गणेश लक्ष्मी की आध्यात्मिक आराधना करें !!
दीपावली की शुभ और मंगल कामना !"
---- राजीव चतुर्वेदी
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"हम दीपावली क्यों मनाते हैं ? दैविक युग हो ,वैदिक युग हो, त्रेता या द्वापर हर युग में दीपावली का विशेष महत्व रहा है। मुख्यतः हम दीपावली मनाने के निम्न 9 प्रमुख कारण बता सकते हैं।  
1.देवी लक्ष्मी का जन्म दिवस -- समुद्र मंथन के दौरान लक्ष्मी जी कार्तिक की अमावस्या के दिन ही प्रकट हुयी थीं।
2. लक्ष्मी मुक्ति दिवस -- लक्ष्मी जी को बाली ने बंधक बना लिया था। भगवान् विष्णु के पंचम अवतार "वामन अवतार " में आ कर ने आज ही के दिन लक्ष्मी जी को मुक्त करवाया था।.
3. भगवान् कृष्ण ने नरकासुर का वध किया --- चतुर्दसी के दिन यानी दीपावली के एक दिन पहले भगवान् कृष्ण ने नरकासुर का वध करके उसके बंधन से 16000 स्त्रीयों को मुक्त कराया था। नरकासुर के नाम पर ही इसे नरक चतुर्दसी भी कहते हैं। यह अभियान दो दिन तक चला इसलिए पहले दिन छोटी दीपावली और दुसरे दिन  दीपावली मनाई जाती है।
4. पांडवों की घर वापसी -- महाभारत के अनुसार "कार्तिक  अमावस्या" के दिन ही पांडव अपने वनबास की अवधि पूरी करके वापस आये थे इस लिए प्रजा के उस वर्ग ने  जो कौरव- पांडवों के  द्वंद्व में पांडवों के पक्षधर था दिए  कर दीपावली मनाई थी।    
5. राम की विजय -- आज के ही दिन राम अपने वनवास की अवधि पूरी करके तथा लंका विजय करके लक्ष्मण और सीता के साथ अयोध्या वापस आये थे  इसी खुशी में दीपावली मनाई जाती है।
6. विक्रमादित्य का राज्याभिषेक --- हिंदुत्व की अवधारणा अवधारणा के महानतम राजा विक्रमादित्य का राज्याभिषेक दीपावली के दिन ही हुआ था।
7.  महर्षि दयानंद का  निर्वाण दिवस -- दीपावली के दिन ही आर्य समाज के  प्रवर्तक महर्षि दयानंद का निर्वाण दिवस है।
8. महावीर तीर्थंकर का निर्वाण दिवस -- जैन धर्म के प्रवर्तक महावीर थीर्थंके का निर्वाण दिवस भी आज के ही दिन यानी दीपावली को होता है।
9. सिख सम्प्रदाय के लिए विशेष दिन --- तीसरे सिख  गुरु अमर दास ने आदेश दिया था कि दीपावली सिखों का  महत्वपूर्ण पर्व होगा कि जिस दिन सभी सिख गुरु का  लेने के लिए एकत्र होंगे। 1577 में दीपावली के दिन ही अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की आधारशिला (नीव ) राखी गयी थी। छठवें सिख गुरु हरगोविंद को मुग़ल  जहांगीर ने बंदी बना लिया था  आज ही के दिन यानी दीपावली को 1619 में ग्वालियर के किले से 52  राजाओं के साथ रिहा किया गया था।

 ----- दीपावली की  शुभ और मंगल कामना !! " -----   राजीव चतुर्वेदी 

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