Friday, February 13, 2015

... फिर भी मैं मरना नहीं चाहता

"यद्यपि जिन्दगी में मुझे कोई खास रुचि नहीं
फिर भी मैं मरना नहीं चाहता
क्योंकि मरते ही मृतक के बारे में बताया जाता है --
यह कि वह एक नेक इंसान था
(यद्यपि बड़ा घूसखोर था )

यह कि वह बहुत साहसी था
(यद्यपि सदमें से मरा )
यह कि वह बहुत विद्वान था
(यद्यपि भरा पूरा मूर्खों का संसार ही छोड़ गया )
यह कि वह महान था
(क्योंकि वह अकबर महान जैसा ओरतखोर और अशोक महान जैसा कातिल था )
मैं जानता हूँ
इस धरती के कुछ मुर्दे सच में बहुत महान थे
और वह मर कर भी हमसे ज्यादा जिन्दा हैं
इस लिए मैं अभी मरना नहीं चाहता
तुम्हारे साथ बहुत जी लिया
अब उनके साथ जीना है मुझे.
"
------ राजीव चतुर्वेदी

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